संगत करो निर्मल साध री मारी हेली भजन लिरिक्स हिंदी

संगत करो निर्मल साध री मारी हेली भजन लिरिक्स




कबीर साखी दोहा

शब्दा मारा मर गया, ने शब्दा छोड़ियो राज
जीन जीन शब्द विचारीया विनरा सर गया काज

सगत करियो संत की, क्या नुगरा से काम
नुगरा ले जावे नारगी, थाने संत मिलावे राम

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संगत करो नी भोला संत री मारी हेली
आवा गमन मिट जाए हेली जन्म मरण मिट जाए ||टेर||


चंदन उगयो हरिया बाग़ में मारी हेली, ख़ुशी रे भई वनराई
 ओ तो धर्मिड़ो भले उगियो मारी हेली

आप तीरे ओरो ने तारसी मारी हेली, सुगन्ध गाट घट माई

संगत करो नी भोला संत की, निर्मल संत की 
हेली आवा रे गमन मिट जाए, वारी वारी हेली रे ||टेर||


बास उगियो डावा डूगरे मारी हेली, धुजण लागी वनराई मारी हेली
आप जलो ओरो ने बाड्सो मारी हेली, कपट गाठ घट माई

संगत करो नी भोला संत की, निर्मल संत की 
हेली आवा रे गमन मिट जाए, वारी वारी हेली रे ||टेर||


धू लागी डावा डुगरे मारी हेली , मिल गयी झोड़ो झाड़
और तो पंखेरू सब उड़ गया मारा हेली, हंसलो रे बेठो डाल

मैं तो बडू रे बिन पांखिया मारी हेली, जड़ो रे पातालो रे माई
चंदन हंस ने मुख सु बोलियों मारी हेली, उड़ न तो वेगो जा

संगत करो नी भोला संत की, निर्मल संत की 
हेली आवा रे गमन मिट जाए, जन्म मरण मिट जाए मारी हेली रे ||टेर||


फल खाया पान पिरोलिया मारी हेली, रमिया डालो डाल
थे तो बड़ो ने में क्यों उड़सु मारी हेली, जीवणु है कितरा साल

चंदन हंस रो प्रेम देख ने मारी हेली, दुधा बरसो मेह
केवे कबिरो धर्मी दास ने मारी हेली, नित नित नवला हेथ


संगत करो नी भोला संत की, निर्मल संत की 
हेली आवा रे गमन मिट जाए, वारी वारी हेली रे ||टेर||


|| संत कबीर साहेब की जय हो || 
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