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अजर अमर घर पाया संतो भजन लिरिक्स Marwadi Bhajan Download Mp3
Introduction:
हेमनाथ जी महाराज ने इस भजन में बताया है की जब
अपनी सुरता मालिक से जुड़ जाती है
तब हमें किस प्रकार का आनंद प्राप्त होता है |
मन
मस्त हो जाता है और हमेशा शून्य की अवस्था में ही रहता है जहा ना तो मोह माया ममता
कुछ नहीं क्यों की उस अवस्था में कुछ विचार ही नहीं होता और भक्त भगवन से एकाकार
हो जाता है
तभी तो बोला गया है की अजर अमर घर पाया अथार्थ: जब लग्न पकी हो जाये तो
सही मायने में वो मनुष्य अपने आत्मा के घर में आनंद प्राप्त करता है १२ मॉस 64 घडी
भजन के पहले की साखी:
“जात हमारी आत्मा,
पंथ हमारा नाम, अलख हमारा इष्ट है, गगन हमारा गाव”
अजर अमर घर पाया संतो भजन लिरिक्स
अजर अमर
घर ताली लागी, गेबी नाथ भुलाया
अजर अमर
घर ताली लागी, गेबी नाथ भुलाया ||1||
सुन सुन
मस्त भया मन मेरा, शून्य में तो रहत समाया
संतो, अजर
अमर घर ताली लागी,
सुन सुन
मस्त भया मन मेरा, शून्य में तो रहत समाया
संतो, अजर
अमर घर पाया, गेबी नाथ भुलाया संतो
अजर अमर
घर पाया ||२||
भया
दीवाना हुआ मस्ताना, जुग की तो राह भुलाया संतो
अजर अमर
घर पाया संतो
सत्य
लोक में सत्य का वाशा, मोह ममता नाही माया संतो
चाँद
सूरज पवन नहीं पानी, जहा काल पता नहीं पाया
संतो अजर
अमर घर पाया
भयो
दीवाना हुआ मस्ताना, जुग की राय भुलाया संतो
अजर अमर
घर पाया, ||1||
14 लोक
में काल का शाया, मैने काल को खाया
काल
अकाल दोनों ही थकिया, वहा घर अलख जगाया संतो
अजर अमर
घर पाया ||२||
भयो
दीवाना हुआ मस्ताना, जुग की राय भुलाया संतो
अजर अमर
घर पाया, ||1||
आपो आप
और नहीं दूजा, नहीं धुप नहीं छाया
आपो आप
और नहीं दूजा, नहीं धुप नहीं छाया
कहे हेमनाथ
बेहद की महिमा, सागर लहर समाया संतो
अजर अमर
घर पाया
भयो
दीवाना हुआ मस्ताना, जुग की राय भुलाया संतो
अजर अमर
घर पाया, ||1||
अजर अमर घर पाया संतो विडियो भजन लिरिक्स
जरुरी सुचना:
मित्रो यदि आप ये mp3 भजन को free में डाउनलोड करना चाहते है तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करे ताकि हम आप को यह भजन आसानी से दे सके राम राम
1 Comments
Jai Shree Krishan
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