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मारी हेली आयोडा संतों रा लीजे वारणा भजन लिरिक्स
दोहा
गुरु को कीजे बंदगी कोटि कोटि प्रणाम
किट ना जाने भ्रंग को, गुरु करें आप समान
ध्यान मुलम गुरु मुर्ती, पूजा मुलम गुरु पदम
मन्त्र मुलम गुरु वाक्म्य, मोक्ष मुलम गुरु कृपा
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मारी हेली भजन लिरिक्स
आयोडा संतों रा लीजे वारणा
हेली मारी आयोडा संतो रा लीजो वारना
ज्यासु बड़े पिया रो मान, मान मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
हेली मारी निर्मल संतो री संगत में करा जी
ज्यासु बड़े पिया रो मान, मान मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
हेली मारी नुगरा मानस री संगत ना करो जी
ज्यासु घटे पिया रो मान, मान मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
हेली मारी उचा पेड़ खजूर का जी, ज्योरी जड़ो पिआडो रे माय
ज्योरी जड़ो पिआडो रे माय, मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
हेली मारी कुएं री छाया कुए रे माई
ज्यरो ठंडो निर्मल नीर, अरे नीर मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
हेली मारी अरे उचो दिरावु, गुरूजी रे बेछनो
ज्यारे लुड लुड लागू पाए, पाय मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
हेली मारी बाई रूपा ने, परछो हरी दियो रे
ज्योरे लागो थाली में बाग, बाग़ मारी हेली ए
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी ||टेर||
आयोडा संतो रा लीजो वारना, हेली मारी
ज्यासु बड़े पिया रो मान, मान मारी हेली ए
आयोडा साधो रा लीजो वारना, हेली मारी
|| सतगुरु देव की जय हो ||
आयोडा संतों रा लीजे वारणा मारी हेली भजन विडियो लिरिक्स
मारी हेली विडियो भजन लिरिक्स
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मारी हेली भजन का भावार्थ:
यह एक मारवाड़ी देसी भजन है जिसका हिंदी में अनुवाद करने का कोशिश किया है कुछ गलती हो तो माफ़ करना
मारी हेली आयोडा संतो
रा लीजो वारना ज्यासु बड़े पिया को मान मारी हेली ए:
इस भजन में हेली
अथार्थ आत्मा की बात की गयी है एक गुरु मुखी आत्मा का परिचय क्या होना चाहिय जब कोई साधु संत अपने
घर की छोखट पर आये तो उनका मान समान आदर सत्कार करना चाहिए जिससे अपने सतगुरु का
मान बढता है |
नुगरा लोगो का संग
नहीं करना चाहिया क्यों की उसे आप चुगली करना या अपमान करना सीखोगे और संसार के
भवसागर में उलझ जाओगे, ऐसे करने से सतगुरु का मान कम होगा और मोक्ष की प्राप्ति
होना भी अशंभव है
इसलिए कबीर दास जी के
भजन में कहा है: नुगरा मनक तो पशु बराबर उनका संग नहीं करना मारी हेली नुगरा
लेजावे नारगी और संत मिलावे मोक्ष भजन को पूरा देखने के लिए यहाँ क्लिक करे नुगरा कोई मत रहना
हेली मारी हमें निर्मल
संतो का संग करना चाहिए | यहाँ संत का मतलब भगवा धारी नहीं, आम इंसान जो निर्मल हो
पूर्ण रूप से, ऐसे लोगो के साथ रहने से हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता है, जैसे की
खान पान, बोली चाली का विवेक और संस्कार मिलते है और जब आत्मा ऐसे संतो के संग
करती है तो उससे अपने सतगुरु का मान भी बढता है |
उचा पेड़ खजूर का जिसकी
जेड पाताल लोक तक जाती है और हेली मारी कुए का पानी भी बोहत अंदर होता है पर सीतल
और ठंडा होता है ठीक इसी तरह हमें भी विनम्र भाव् रखना चाहए | इसलिए संतो ने भजन
में कहा है आदू आदू पंथ नीमन पद मोटो
हमें सब से विन्रम भाव
से बात करनी चाहिए चाहे सामने वाला इंसान छोटा है बड़ा काला है या गोरा उची जात का
है या नीची जात का, विन्रमता हमेशा हमारे भाव में होनी चाहिए उससे हमारा और हमारे
सतगुरु का मन बढेगा |
सतगुरु के द्वारा बताये मार्ग का अलंभ
करने पर आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है और तब शिष्य कहता है उचो करू अपने सतगुरु का बेचना और लुड लुड लागू
पाऊ, अपने गुरु का जितना धन्यवाद करू उतना कम है
निर्गुणी भजन Mp3 Download Link भी देखे:
१. नर नारायण थारी देह बनाई
२. मारी हेली अब कैसे होवे जग में जीवना
3. मन लागो मेरे यार फकीरी में
४. अजर अमर घर पाया
५. सतगुरु बनिया वेदिया
2 Comments
Ok good
ReplyDeleteSuper Bhajan
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