कबीर भजन लिरिक्स: हिय काया में बर्तन माटी रो हिए देह में बर्तन माटी को
गायक: मुरालाल मारवाडा भजन
🙏 चेतवानी भजन लिरिक्स को विडियो के साथ देखे, समझने में आसानी रहेगी 🙏
हिय काया में बर्तन माटी रो भजन लिरिक्स विडियो मूरालाल मारवाडा:
___________________________________________
हिये काया में बर्तन माटी रो भजन लिरिक्स
हिए काया में बर्तन माटी रो, हिए देह में बर्तन माटी को
|| साहेब बंदगी कबीर साहेब की जय हो ||
हिये काया में बर्तन माटी रो भजन लिरिक्स
हिए काया में बर्तन माटी रो, हिए देह में बर्तन माटी को
फूटे जदी नहीं कर रन्को हो
साहेब हमको हम को डर लगे एक दिन को ||टेर||
ओ रे साहेब हमको दर लागे एक
दिन रो रे घडी पलक रो
नहीं भरोसो हमको एक दिन को
रे साहब हमको डर लागे
हिए काया में बर्तन माटी रो,
हिए देह में बर्तन माटी को
फूटे जदी नहीं कर रन्को हो
साहेब हमको हम को डर लगे एक दिन को ||टेर||
हिए काया में माला मोतीयो की,
माला मोती की
टूटी काया में माला मोती की,
टूटी जस डोरों रूडो तन को रे
ओ रे साहेब हमको डर लागे एक
दिन रो रे घडी पलक रो
हिए काया में बर्तन माटी रो,
हिए देह में बर्तन माटी को
फूटे जदी नहीं कर रन्को हो
साहेब हमको हम को डर लगे एक दिन को ||टेर||
कहत कबीरा, सुनो भाई साधो, पहला है रे
नाम अलख का
ओ रे साहब हमको डर लागो एक
दिन को रे
हिए काया में बर्तन माटी रो,
हिए देह में बर्तन माटी को
फूटे जदी नहीं कर रन्को हो
साहेब हमको हम को डर लगे एक दिन को ||टेर||
|| साहेब बंदगी कबीर साहेब की जय हो ||
___________________________________________
1 Comments
ReplyDeleteLive Bhajan. LiveBhajan