तूने हिरो सो जन्म ग्वायो रे भजन बिना बावरे
कबीर भजन लिरिक्स: तूने हिरो सो जन्म ग्वायो रे
गायक: अनिल नागोरी भजन
श्रेणी : चेतवानी भजन लिरिक्स
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साखी:
“काया माया पावनी, और कन्या घर होए
राखोड़ी रेवे नहीं, उठ चले पथ खोए”
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तूने हिरो सो जन्म ग्वायो रे, भजन बिना बावरे ||टेर||
तूने हिरो सो जन्म ग्वायो रे, भजन बिना बावरे ||टेर||
ना तू आयो सत री सत्संग में, ना कोई हरी गुन गायो
पछ पछ मरा बैल की नाही, सोह रियो, उट खायो रे
तूने हिरो सो जन्म ग्वायो
रे, भजन बिना बावरे ||टेर||
ओ संसार हट बनिये की, सब जग सोदे आयो
चतुर माल सौगुनो किधो रे, मुर्ख
मूल ग्वायो रे
भजन बिना बावरे
तूने हिरो सो जन्म ग्वायो
रे, भजन बिना बावरे ||टेर||
ओ संसार फुल से मरगो,
सुओ देख लुभायो
मारी चौच निकल गयी रुई,
सिर धुन पछतायो रे
भजन बिना बावरे
तूने हिरो सो जन्म ग्वायो
रे, भजन बिना बावरे ||टेर||
ओ संसार माया रो लोभी,
ममता रो मेल चुनायो
कहत कबीर सुनो भाई साधू,
हाथ कुछ नहीं आयो रे
भजन बिना बावरे
तूने हिरो सो जन्म ग्वायो
रे, भजन बिना बावरे ||टेर||
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