क्या लेके आया बन्दे क्या लेके जायेगा लिरिक्स
क्या लेकर आया जग में, क्या लेकर
तू जायेगा
सोच समझ ले रे मन मूर्ख, आखिर में पछतायेगा ||टेर||
भाई बंदु मित्र तुमरे, मरघट तक ही
जायेंगे
सवार्थ के दो आंसू देकर, लोट के घर को आयेंगे
कोई ना तेरे साथ चलेगा, काल तुजे
ले जायेगा
क्या लेकर आया जग में, क्या लेकर
तू जायेगा
सोच समझ ले रे मन मूर्ख, आखिर में पछतायेगा ||टेर||
कचन जैसी कोमल काया, तुर्क जनाई जाएगी
जिस नारी से, प्यार करा तूने वो भी
दान कराएगी
एक महीना याद करेगा, फिर तू याद ना
आएगा
क्या लेकर आया जग में, क्या लेकर
तू जायेगा
सोच समझ ले रे मन मूर्ख, आखिर में पछतायेगा ||टेर||
राजा रंक पुजारी पण्डित, सा को एक
दिन जाना है
आंख खोल के देख मुसाफिर बावरे, जगत
मुसाफिर जाना है
पवन कहे यु पाप पूण्य यही, अंतिम
साथ निभाएगा
क्या लेकर आया जग में, क्या लेकर
तू जायेगा
सोच समझ ले रे मन मूर्ख, आखिर में पछतायेगा ||टेर||
क्या लेके आया बन्दे क्या लेके जायेगा विडियो भजन लिरिक्स
चेतावनी भजन लिरिक्स हिंदी में:
भजन की लिरिक्स देख के आप को समझ आ गया होगा की यह भजन को क्यों चेतवानी भजन
कहा जा रहा है | इस भजन में साफ साफ़ बोला है की नेकी कर ले परमात्मा से प्रीत कर
ले, आखिर में सब यही रह जायेगा कुछ भी साथ नहीं आएगा
जिस के लिए तू दिन रात मेहनत कर रहा है और धन माया को इक्ठा कर रहा है यही सब
परिवार वाले तुझे एक दिन श्मशान तक छोड़ने आयेंगे, जो तेरे प्रिय है वो भी तेरे
मरने पे २ आँखों से आंसू बहायेंगे और कुछ समय बाद भूल जायेंगे |
पत्नी जिसे तू अपना मानता है वह भी एक या दोह महीने तक आंसू बहाएगी तेरे जाने
पर फिर वह भी तुझे भूल जाएगी और कही दूसरी जहग अपना घर बसा लेगी |
इसलिए इस भजन में हर मानव मात्र को समझाया जा रहा है की मुर्ख अब तो समझ जा और
कुछ धर्म पूण्य और परमारथ का कार्य कर ले क्यों की यही अंत समय में काम आएगा जब
धर्म राज तेरे लेखा लेगा
संत महात्मा गुरुजन हमें बार बार यही समझाने का प्रयास कर रहे है की मुर्ख
मनुष्य इस मायाजाल में इतना भी मत उलझ की तू ये भूल जाए की तूने यह मनुष्य जन्म
क्यों लिया है, याद कर जब तू माँ की गर्भ में था तब क्या क्या प्राथना की थी
परमात्मा से की मुझे बहार निकालो जल्दी में बहार जाकर सिर्फ आप का नाम लूँगा और
दिन रात भजन सुमिरन कर के अपने आत्मा की पहचान करूँगा |
परन्तु सब भूल गया गर्भ से बहार आकर, जब भाई बंदु कुटम कबीला ने तुझे लाड
लड़ाया, और उनकी ख़ुशी समाज में नाम कमाने के चक्कर में दिन रात गधे की तरह मेहनत करता
रहा | मोह माया और समाज में इज्जत पाने के लिए तू दिन रात मेहनत करता है, और अंत
में इज्जत तो मिल गयी समाज में पर अपने ही परिवार से दूर रहा अपनों को खो कर समाज
की नज़र में उठ गया | इज्जत के चक्कर में ना तू खुद को जानने में समय दे पाया ना
ही परिवार को | एसी इज्जत मिल भी गयी तो क्या होगा अगर तूने अपने आत्मा की पहचान
नहीं करी समय रहते
इसलिए संत कहते है जब अंत समय आएगा, तब यह समाज कुटम्ब कबीला कुछ काम नहीं
आएगा
भजन का सन्देश:
क्या लेके आया जग में क्या लेके जायेगा, सोच समझ के मुर्ख आखिर में पछतायेगा हमें यह मनुष्य जन्म मिला है 84 योनी भोगने के बाद, हमें अधिक से अधिक समय
अपने आप को देना चाहिए समय रहते हम अपनी आत्मा को जान पाए और समय समय पर दान पूण्य
करते रहे क्यों की हम सब के कर्ज दार है | सतगुरु करना अनिवार्य है वही आप का सच्चा मार्गदर्शक करेगे |
|| जय गुरु देव की ||
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