सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप जाके हिरदै सांच है ताके हृदय आप लिरिक्स अनिल नागोरी


सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप जाके हिरदै सांच है ताके हृदय आप



राम भजन लिरिक्स: सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप 
गायक:  अनिल नागोरी
श्रेणी : चेतावानी भजन लिरिक्स 



🙏 चेतवानी  भजन लिरिक्स को विडियो के साथ देखे, समझने में आसानी रहेगी  🙏



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झूठ बराबर पाप नहीं छेसाँच बराबर तप कोनी
राम नाम के नाम बराबरऔर दूसरा जप कोहि ना ||टेर||



सप्त ऋषि सा ऋषि नहीं हैवेदव्यास सा ज्ञानी नहीं रे  
हरिश्चन्द्र सा भूक नहीं सेसीता सी माता नहीं

श्री दादाजी हरिश्चन्द्र और कर्ण सारिका दानी नहीं
रावण सा अभिमानी कोण यहाँ लंका सी राजधानी नहीं

सकल सृष्टि का भार धरनिया, शेष नाग को सर्प कहा
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||



चन्द्र सही सा चील नहीं सेसूरज सो प्रकाश नहीं रे
सात दीप नौ खंड बिच में स्वर्ग पूरी का वास नहीं

काम क्रोधमतलभ जितिया, ऋषियों सा सन्यास नहीं रे
बांदलपुर में जन्म लेकेहनुमत जैसा दास नहीं

प्रथ्वी जैसा धीर नहींआसमान सा चपको नहीं
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||



वेद नहीं जैसा ग्रन्थ नहींगीता जैसा ज्ञान नहीं रे
गंगा जैसा नीर नहीं रेअन्न दान सा दान नहीं

तानसेन सा गायक नहीं हैकाल सा बलवान नहीं
महाभारत सा युद्ध नहीं हैबाली सा वरदान नहीं है

ध्रुव जैसा अटल नहीं सेकल्प समान वर्क्ष को नहीं यहाँ
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||



आज कल का ठंग बिगड़ गया, कोनी वक्त सचाई का
धोका देकर गला काट दे, सगे भाई भाई का
भीतर दिल में खोट भरया सा, ऊपर काम सफाई का
हरी नारायण शर्मा कहताकोनी वक्त सचाई का

बेरी दुश्मन खेल गया जग मेंआपस में संपत नार को
राम नाम के नाम बराबर, और दूसरा जप कोण्या ||टेर||


झूठ बराबर पाप नहीं छेसाँच बराबर तप कोनी
राम नाम के नाम बराबरऔर दूसरा जप कोहि ना ||टेर||


||बोलो श्री रामचंद्र भगवन की जय हो  ||


जय सिया राम 



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