सत्संग अमर जड़ी भजन लिरिक्स राजस्थानी प्रकाश दास जी महाराज

सत्संग अमर जड़ी रे संतो राजस्थानी भजन लिरिक्स 



कबीर भजन लिरिक्स: सत्संग अमर जड़ी भजन
गायक:  प्रकाश दास जी महाराज की आवाज में सुने यह भजन दीवाने हो जाओगे 
श्रेणी : गुरु महिमा भजन लिरिक्स


🙏 कबीर भजन लिरिक्स को विडियो के साथ देखे, समझने में आसानी रहेगी  🙏

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साखी:

“राम मिलन के कराने जो तू खड़ा उदास
साधु संगत शोध ले राम उन्ही के पास”

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सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||


सुग्रीव ने संगत राम जी की किनी, वानर फोज बनी साधो भाई
उस वानर की कोई है शाम रित, जो रावण से आन लड़ी

सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||


नरसी ने संगत पीपाजी की कीड़ी, सुई पर बात अडी है
56 करोड़ को भरो मायरो, वो आयो आप हरी रे सावरो

सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||


प्रह्लाद ने संगत सरियादेवी की कीड़ी, नाम पर बात अडी है
खम्भ फास हरिणाकश्यप मारियो फिर मिले हरी

सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||


लोहा ने संगत काट की किनी, समुद्र बिच नाव तिरी रे
उंडा नीर बता दे साधू, मारा सतगुरु पार करी रे संतो

सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||


उच्च नीच का भेद नहीं जाने, कहत कबीर सुनो भाई साधु
थारो आवो गमन मिटे रे संतो

सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में

अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी


||संत कबीर साहेब की जय हो ||
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सत्संग अमर जड़ी भजन:



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