राजस्थानी हेली फकीरी भजन मारवाड़ी भजन Free Download Mp3 Bhajan Song


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इस भजन में अपनी आत्मा के बारे में बताया गया है की अपनी आत्मा (हेली ) जिसे साधू संतो ने हेली कहा है | और ऐसा बताया है की हेली अगर एस आत्म की बात में चलकर ही अपने आत्मा रूपी परमात्मा का दरसन कर सकती है | और बोला है की सब सुख तेरे भीतर ही है | अथार्थ हमें अपने अन्दर के आत्मा को जगाने में धयान देना होगा तभी हमारी आध्यात्मिक प्रगति हो सकती है | जय गुरुदेव



 हेली मारी निर्भय रहना भजन लिरिक्स 


हेली मारी निर्भय रहना रे 

दुनिया दारी ऑगन कारी 
जाने भेद मत देहना रे ,हेली मारी तू निर्भय रहना  |




इन काय में ८ कमल है, जाकी जानकारी करजो रे 

हेली मारी निर्भय रहना 





सत्संग में  बेट सुहागन सत्य कमाँइजे रे  

हेली मारी निर्भय रहना 



तन में गरीबी मन में फकीर, 
दया रखना रे हेली मारी निर्भय रहना 



ज्ञान झरके बेथ के सुहागन  

झालो देहि जे रे, हेली मारी निर्भय रहना रे 





तिरवे नि  घर  3 पद्मनी जाए बतला इज रे 

 सत्य बाण पे बेथ सुहागन , सीधी आइ जे रे 




गुरु चरणों में सीस नमवो जी , गुरु वचनों में रहिजे रे ,

 हेली मारी निर्भय रहना रे 





कहत कबीर सुनो भाई साधो , 

सीतल हो इ जे रे हेली मारी निर्भय रहाइ जे रे 





दुनिया दारी ऑगन कारी जाने भेद मत देना 

हेली मारी निर्भय रहना 




हेली भजन का भावार्थ 


Heli Bhajan is all about Soul, In this this Bhajan, कबीर दास महाराज समझा रहे है हर मनुष्य को ये 

हेली भजन | हेली चाले तो हरी मिल गगन पर देश हमारा मतलब, हेली हमारी यानी की आत्मा, आत्मा जब प्रभु के बताये या अपने सतगुरु के बताये मार्ग पर चलने लगाती है अथार्थ गुरु महाराज जो भी सेवा सुमिरन नियम नेकी और अन्य धर्म के मार्ग को बताते है और हम उसे गुरु के बताये नियमो का पालन करे तो हमारी आत्मा परमात्मा से एकाकार हो जाती है और हमें मोक्ष का ज्ञान हो जाता है 


इसलिए भजन में कहा गया है की हेली चले तो हरी मिल जाए, और आगे बताया है की गगन पैर देश हमारा अथार्थ: मनुष्गय के दिमाग को गगन कहा गया है क्यों की हमारे शरीर में दो आँखों के बिच परमात्मा का निवास स्थान है .


और जब आत्मा का मिल्न परमात्मा से हो जाता है तब आत्मा निर्भय निडर हो जाती है क्यों की उसे अब पुरे संसार का ज्ञान हो जाता है | इस भजन में  और कहा गया है की जो भी ज्ञान गुरु कृपा में प्राप्त हुआ है उसे ऐसे ही किसी मुर्ख व्यक्ति के आगे मत खोलना इसी बात को बोला है दुनिया दारी ऑगन कारी जाने भेद मत देहना रे | क्यों की इस कलयुग में अधिकार लोग मुर्ख है उन्हें परमात्मा का ज्ञान समझ नहीं आएगा क्यों वो सब अज्ञानी है


और आगे बताते है की हमारे शरीर में क्या क्या है: इस काय में ८ कमल के फुल है अथार्थ: हमारे शरीर के भीतर ८ उर्जा के चक्र है जिसे हम गुरु के ज्ञान से ही सक्रिय कर सकते है | उसकी पहचान गुरु ही करा सकता है और वो सब ज्ञान गुरु की सत्संग में मिलता है |




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हेली मारी निर्भय रहना विडियो भजन लिरिक्स 







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2 Comments

  1. कृपया इस भजन को डाउनलोड करना है तो पुरे भजन को डाउनलोड करने का लिंक भेजना धन्यवाद

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    1. धन्यवाद जेठाराम जी, आप को हेली भजन लिरिक्स और हेली भजन download करने में असुविधा हो रही है | तो हमने आप के लिए इस मारवाड़ी हेली भजन को download करने के लिए लिंक डाल दी है |

      इस भजन को download करने के लिए उपर जो फोटो है उसके निचे हमने Heli Bhajan Mp3 Download लिंक:रखी है आप download पर क्लिक करे आप हेली भजन को आसानी से download कर पाओगे

      धन्यवाद

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