हरी की भक्ति बिना धिक्कार मारवाड़ी भजन लिरिक्स सुखीया बाई का भजन


हरी की भक्ति बिना धिक्कार मारवाड़ी भजन लिरिक्स सुखीया बाई 



शाखी:

नमो नमो गुरुदेव जी, नमो नमो सब संत
जन दरिया वन्दन करे, नमो नमो भगवंत

हाथ जोड़ विनती करू धरु चरणों में सीस
ज्ञान भक्ति मुझे दीजिए, परम पिता जगदीश

भक्ति करे पाताल में, प्रकट होए आकाश
रजत तिलों लोक में, छुपे ना हरी का दास

काल सरायो रेणुका, बंधी नज़र की पोट
तुलसी तेरी भक्ति में रति ना चाले खोट
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🙏 गुरु महिमा भजन लिरिक्स को विडियो के साथ पड़े समझने में आसानी रहेगी  🙏

हरी की भक्ति बिना धिक्कार मारवाड़ी भजन लिरिक्स:


संत सुखिया बाई के मारवाड़ी भजन, 







गुरु महिमा भजन लिरिक्स 

हर की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे
प्रभु की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे ||टेर||


मिले सब प्रथ्वी भर को राज, होवे सब भूपन में सिरताज
गोगेसवर स्वर्ग पाताल को राजा, तो भी भक्ति बिना धिक्कार

हर की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे
प्रभु की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे ||टेर||


सुन्दर भजन मनोहर होई, शक्ति सत्रुता मन ती होई
जीवे कोटि कलप अति कोई, भक्ति बिना धिक्कार

हर की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे
प्रभु की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे ||टेर||


सिमरण होवे मेरु समाना, पावे सब रत्नों की खाना
जिनका अकूट होवे खजाना, तो भी भक्ति बिना धिक्कार

हर की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे
प्रभु की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे ||टेर||


होवे 14 विधिया निधाना, जिनका दसो दिशा में मान
पूर्ण सकल कला विद्वान, तो भी भक्ति बिना धिक्कार

हर की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे
प्रभु की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे ||टेर||


धन और जोवन विद्या सारा, इस से होवे नहीं निस्तारा
अचल राम झुटा सब संसारा,

हर की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे
प्रभु की भक्ति बिना धिक्कार, जगत में जीवन रे ||टेर||

जीवना रे जगत में, बेकार सवारे की भक्ति बिना जीना बेकार

|| जय गुरुदेव की जय ||

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|| धन्यवाद ||






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