हिंदी भजनों की No.1 Website, यहा आप सभी कबीर दास के भजन, मारवाड़ी देसी भजन, राजस्थानी भजनो कीलिरिक्स, भजन mp3 download, हेली, फकीरी, निर्गुणी, गुरु महिमा भजनो की लिरिक्स और mp3 भजन फ्री में download कर सकते है|
___________________________________________
गुरु बिना कोई काम नहीं आवे भजन लिरिक्स
_______________________________________________
कबीर दास दोहा साखी
गुरु बिन माला फेरते गुरु बिन करते दान
गुरु बिन सब निष्फल गया, वाचो वेद पुराण
राम कृष्ण से कोन बड़ा, उन्होंने तो गुरु किये
तिल लोक के वे धनी, और गुरु आगे आधीन
हमारे गुरु की २ भुजा, और गोविन्द की चार
चारी भुजा से कछु ने चरे, गुरु उतारे पार
चारी से छोराची कटे, और गुरु उतारे पार
___________________________________________
गुरु बिना कोई काम नहीं आवे भजन लिरिक्स
गुरु बिना कोई काम ना आवे, कुल अभिमान मिठावे है
कुल अभिमान मिठावे और साधु, सत लोक पहुचावे है
गुरूजी बिना कोई कामे ना आवे || टेर||
नारी कहे में संग चलुगी, ठगनी ठग ठग
ठाया है
अंत मुख मोड़ चली है, तनिक सात नहीं देना है
गुरूजी बिना कोई काम ना आवे , कुल अभिमान मिठावे
कुल अभिमान मिठावे और साधु, सत लोक पहुचावे है ||टेर||
कोडी कोडी माया रे जोड़ी जोड़ी रे जोड़ी,
जोड़ के महल बनाया है, अंत समय में थाने बहार करिया
उसमे रह नहीं पाया है
गुरूजी बिना कोई काम ना आवे , कुल अभिमान मिठावे
कुल अभिमान मिठावे और साधु, सत लोक पहुचावे है ||टेर||
जतन जतन कर सुतो रे बाला रे बाला
वटे लाड अनेक लड़ाया है
तन की लकड़ी तोड़ लियो है, लम्बा हाथ
लगाया है
गुरूजी बिना कोई काम ना आवे , कुल अभिमान मिठावे
कुल अभिमान मिठावे और साधु, सत लोक पहुचावे है ||टेर||
भाई बद्दुआ कुटुम्ब कबीला, धोके में जीव
बंधाया है
कहे कबीर सुनो भाई साधो, पूरा गुरु फंदा से छुड़ाया है
गुरूजी बिना कोई काम ना आवे , कुल अभिमान मिठावे
कुल अभिमान मिठावे और साधु, सत लोक पहुचावे है ||टेर||
______________________________________________________________
गुरु बिना कोई काम नहीं आवे विडियो भजन लिरिक्स
गुरु महिमा भजन लिरिक्स हिंदी में:
इस संसार में
गुरु के बिना और कोई काम आने वाला नहीं है और
गुरु कोन है ?
गुरु शब्द है
गुरु समझ है गुरु मार्ग दर्शक है, जिसके जरिये हर इंसान अपने मंजिल तक पहुचता है |
यह हर मानव मात्र का अंतिम लक्ष मोक्ष पाना है, इसलिए कहते है, भाग बड़ा ज्यारे
मनुष्य तन पावा, अथार्थ जिस के जीवन में सचे गुरु का आगमन हुआ है उसने ही अपनी
आत्मा को पहचाना और इस भोतिक शरीर के महत्त्व को समझा है |
जबकि हमने इस
संसार में इन बाहरी भौतिक, और अनेक प्रकार के मोह के बंदन में बन्दे हुए है उनको
हमने अपना मान रखा है | पर हकीकत तो यही है की एक दिन सब कुछ यही का यही रह जायेगा
ये हम सब जानते है
इसलिए तो
सतगुरु कबीर कहते है चंदा जाएगा, सूरज जाएगा, जाएगा पावना पानी, कहे कबीर एक नाम
नहीं जाएगा यह है अमर निसानी
इसलिए हम कुछ
अच्छा करे, हर इंसान के साथ वो प्रेम से व्यवहार करे सद भावना रखे और सब से जुड़ने
का का काम करे यही सभी काम संतो ने किया है और वो है
गुरु के दवरा
दिया गया सन्देश
धन्यवाद, निचे कमेंट
बॉक्स में बताये आप को यह भजन कैसा लगा
1 Comments
Good jai ho
ReplyDelete