लिख दो म्हारे रोम रोम में भजन लिरिक्स हिंदी
दोहा
“संत हमारी आत्मा, मैं संतन
की देह
रोम रोम में रम रहा, ज्यू बादल
बिच मेह”
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमापती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
सीस पर मारे शिवजी लिखदो, कानो
में कन्हिया राम
नैनो में नरसिह लिखदो, नाक
पे नंदलाला राम
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमा पती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
होटो पे हरिओम लिखदो, दांतों पे दयालु राम
जीभ पे जगदीश लिखदो, कंठ पे कमलापति राम
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमा पती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
गले पे गिरधारी लिख दो, मुख पर मुरली वाला राम
भुजा पे भगवन लिखदो, हाथो पे हनुमाना राम
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमा पती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
छाती पे चतुर्भुज लिख दो, पेट पर परमेश्वर रामा
जांगो में जगदंबा लिख दो, नाभि पे नारायण रामा
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमा पती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
गोडा पे गोविंद लिख दो, बिंदी में परमानंद राम
सुंडी पे आसगिरी लिख दो, चरणों में चारो ही धाम रे
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमा पती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
इतरो तो लिख दीजो दाता, भवजल
पार उतारो सा
लिखमो थारे चरणे आवे, एक
अर्ज सुन लीजो राम
लिख दो मारे रोम रोम में,
राम राम हो रमा पती
लिख दो जय सिया राम जी ||टेर||
लिख दो जय सिया राम जी
लिख दो जय सिया राम जी
लिख दो जय सिया राम जी
|| सिया वर रामचन्द्र भगवन की जय हो ||
_____________________
0 Comments